नक्की वाचा : राहत इंदौरी यांचे काही प्रसिद्ध शायरी..!

| भोपाळ | लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी यांचं निधन झालं आहे. इंदौरी यांना कोरोनाची लागण झाली होती. मंगळवारी सकाळी ट्विट करुन त्यांनी, त्यांची कोरोना चाचणी पॉझिटिव्ह आल्याचं सांगितलं होतं. राहत इंदोरी त्यांच्या अनोख्या शैलीतील, उत्कृष्ट कविता, शायरीसाठी ओळखले जातात.

राहत इंदौरी यांच्या काही गाजलेल्या शायरी –

राहत इंदौरी यांच्या काही शायरी :

• मैं लाख कह दूँ कि आकाश हूँ ज़मीं हूँ मैं, मगर उसे तो ख़बर है कि कुछ नहीं हूँ मैं।

• अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझ को, वहाँ पे ढूँड रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं।

• वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया

• हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते

• फ़ैसला जो कुछ भी हो मंज़ूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क़ हो भरपूर होना चाहिए

• ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था,
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था!

• सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिटटी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है

• मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

• बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

• कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं
ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी
की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं

• एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो

• सरहदों पर तनाव हे क्या
ज़रा पता तो करो चुनाव हैं क्या
शहरों में तो बारूदो का मौसम हैं
गाँव चलों अमरूदो का मौसम हैं

• तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो
मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो
फूलो की दुकाने खोलो, खुशबु का व्यापर करो
इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

• बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा
चोर उचक्कों की करो कद्र, की मालूम नहीं
कौन, कब, कौन सी सरकार में आ जाएगा

• लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मोड़ होता हैं जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं

• अगर अनारकली हैं सबब बगावत का
सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते हैं

• अब ना मै हु, ना बाकी है जमाने मेरे
फिर भी महशूर है, शहरो मे फसाने मेरे..

• दोस्ती जब किसी से की जाये
दुश्मनों की भी राय ली जाए

• मैं पर्बतों से लड़ता रहा और चंद लोग
गीली ज़मीन खोद के फ़रहाद हो गए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *